इन्विटेशन मास्टरी
मिलती है और आपकी प्रोस्पेक्ट से मुलाक़ात होती है । जब वो आपकी प्रेजेंटेशन में या आपके प्रोडक्ट्स में रुचि दिखाने लगते हैं तो सेल्स
होती है और आमदनी होती है ।
इसलिए इन्विटेशन बहुत महत्वपूर्ण है ।
होती है और आमदनी होती है ।
सफल निमंत्रण के सुनहरे सूत्र-
i) KISS करें, KILL नहीं
यह दो मिनट में खत्म हो जाए । हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम कभी भी व्यर्थ की बातें ना करें । कई बार, ऐसा होता है कि जब हम
किसी व्यक्ति को इन्वाइट करने के लिए फ़ोन करते हैं तो हम देश-दुनिया में चल रहे मौजूदा मुद्दों में उलझ जाते हैं ।
जब भी आप अपनी इन्विटेशन को लम्बा रखते हैं तो आप अपनी इन्विटेशन पॉसिबिलिटी को किल कर देते हैं, क्योंकि किल का अर्थ है,
“Keep it long and Lengthy” ।
ii) एक्साइटमेंट (Excitement)
जब मैंने अपने नेटवर्क मार्केटिंग करियर की शुरुआत की तो पहली, दूसरी कॉल में मेरा उत्साह बहुत अधिक रहता था । लेकिन दो-तीन ‘ना’
सुनने के बाद मेरा उत्साह काफी कम हो जाता था । ज़्यादातर डायरेक्ट सेलर्स के साथ यही होता है । लेकिन सफल इन्विटेशन के लिए
उत्साह का होना बहुत ज़रूरी है तो, अपने उत्साह को बनाएँ रखें । किसी की भी ‘हाँ’ और ‘ना’ को दिल से ना लगाएं । लगातार उत्साह के
साथ कॉल करते रहें।
iii) इन्विटेशन बनाम प्रेजेंटेशन
अपने शुरुआती करियर में मैं इन्विटेशन करते समय, प्रेजेंटेशन भी शुरू कर देता था । मैं अपनी कंपनी का नाम, प्रोडक्ट्स और प्लान के
बारे में भी बात करता था । यही गलतियां ज़्यादातर डायरेक्ट सेलर्स करते हैं ।
सभी नेटवर्क मार्केटर्स या डायरेक्ट सेलर्स को इस तथ्य को समझना चाहिए कि इन्विटेशन और प्रेजेंटेशन को मिक्स नहीं किया जाना चाहिए ।
ये दोनों पूर्ण रूप से अलग-अलग है । जब हम इन्वाइट करते समय प्रेजेंटेशन करना शुरू कर देते हैं, तो हम ये मौका खो देते हैं कि वो प्रोस्पेक्ट हमारी मीटिंग में आए । इन्विटेशन में आपका मक़सद है केवल अपने प्रोस्पेक को मीटिंग में बुलाना। इन्विटेशन के दौरान आप प्रेजेंटेशन
करने में सफल हो भी गए, तब भी ऐसी प्रेजेंटेशन के अच्छे नतीजे आने के चांसेस बहुत कम हैं । ध्यान रखें इन्विटेशन में केवल इन्विटेशन ही करें ।
iv) ओवर-प्रॉमिस (Over-Promise)
ओवर-प्रॉमिस ना करें । कई बार हम ओवर-प्रॉमिस कर देते हैं, कि अगर आप आ जाओगे तो आपकी ज़िन्दगी बदल जाएगी, ये एक नौकरी के
बारे में है इत्यादि । ये कभी ना करें नेटवर्क मार्केटिंग एक बिज़नेस है । यह किसी प्रकार की जॉब नही है । कभी भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल ना
करें, जैसे, "पार्ट-टाइम जॉब या जॉब ऑपर्चुनिटी । " क्योंकि इससे यह संभव है कि आप एक बार के लिए प्रोस्पेक्ट को अपनी मीटिंग में बुला
लें, परंतु इससे आप दोनों के बीच का विश्वास नष्ट हो जाएगा और हो सकता है कि आप उसे हमेशा के लिए खो दें ।आपको बिज़नेस को और बिज़नेस की वैल्यू को बिल्ड करना है । आपको किसी भी तरह का कोई फॉल्स कमिटमेंट नहीं करना है।
v) जल्दी में रहें
इन्विटेशन की एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि आप दिखा पाएँ कि आप जल्दी में हैं । क्योंकि जब आप दिखा पाते हैं कि आप जल्दी में हैं,
तो आपके प्रोस्पेक्ट को लगता है कि हम किसी बहुत ही महत्वपूर्ण सिस्टम के बारे में बात कर रहे हैं ।
vi) ऑब्लिगेशन (Obligation)
ऑब्लिगेशन के लिए ना बुलाएं । उन्हें यह नहीं लगना चाहिए कि वहाँ पर आकर वे आप पर एक बहुत बड़ा एहसान कर रहे हैं । आप उन्हें
कहें कि, “यह एक बहुत अच्छा मौका है, यहाँ पर समय देना आपके जीवन का सबसे बढ़िया इन्वेस्टमेंट हो सकता है”, इस तरीके से आप बात
कर सकते हैं । कभी भी ये ना कहें कि, “मेरे लिए आ जाओ”, या “दस मिनट के लिए आ जाओ” । क्योंकि अगर वे दस मिनट के लिए आ भी गए, तो शायद वे आपकी प्रेजेंटेशन को नहीं समझ पाएँगे ।
vii) सही शब्दों का प्रयोग करें
कई बार हम कुछ ऐसे शब्दों प्रयोग करते हैं , जिनसे अधिकतर लोग दूर भागते हैं । साथ ही ऐसे कोई भी शब्द इस्तेमाल ना करें, जिससे
आपका बिज़नेस बहुत ही छोटा नज़र आए । जैसे कुछ लोग कहते हैं कि , “यह एक छोटा पार्ट टाइम बिज़नेस है, मैं तो खुद देख रहा हूँ ,
पता नहीं यह चलेगा या नहीं, छोटी ऑपर्चुनिटी है ” आदि ।
viii) हमेशा प्रोस्पेक्ट को दो समय का विकल्प दें
हमेशा प्रोस्पेक्ट को चुनाव का विकल्प दें । दो समय का विकल्प देना बेहतर है ताकि वे दोनों में से किसी भी उपयुक्त समय स्लॉट (Time Slot) को स्वीकार
कर सके । ज़्यादातर समय में दो चॉइस देना ठीक रहता है । नॉर्मली, अगर एक शेडयूल्ड़ मीटिंग है तो आपके पास एक ही समय है । पर अगर
आपको वन टू वन मिलना है और अपॉइंटमेंट लेनी है, तो दो विकल्प देना अच्छा रहता है ।
ix) 24-48 घंटे पहले इन्वाइट करें
आपको प्रेजेंटेशन से 24-48 घंटे पहले अपने प्रोस्पेक्ट को इन्वाइट करना चाहिए ,इससे प्रोस्पेक्ट के आने के चान्सेस कई गुना ज़्यादा बढ़ जाते हैं । अगर आप उन्हें 48 घंटे पहले कह दें, तो शायद ही वे आपको ‘ना’ कर पाएँगे ।
x) ब्रॉड स्पेक्ट्रम (Broad Spectrum)
अपनी इन्विटेशन का टारगेट ब्रॉड स्पेक्ट्रम में रखें । अगर आप 100 लोगों को इन्वाइट करते हैं ।
जब हम इस तरीके से कहते हैं तो सभी सौ लोग कम से कम एक बार तो आपको सुनने के लिए सहमत हो जाएँगे । इसकी जगह पर आप जब कहते हैं कि ,
"मिस्टर एंड मिसेस , मुझे आपके साथ कुछ स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित जानकारी साँझा करनी है । ”
स्वास्थ्य सबके लिए ही एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है, लेकिन कितने लोग इसके बारे में सुनने के लिए उत्साहित होंगे ? शायद 100 में से केवल 60-70 लोग और जब आप किसी को कहते हैं कि ,
"मुझे आपके साथ एक व्यावसायिक अवसर के बारे में चर्चा करनी है । "
तो आप देखेंगे कि , कहीं ना कहीं आपका ब्रॉड स्पेक्ट्रम और कम हो जायगा ।
निमंत्रण के “5 C” जो आपके लिए जादू कर देंगे ।
i) C – कन्वर्सेशन (Conversation)
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नमस्कार,
महावीर कैंतुरा
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