प्रेजेंटेशन मास्टरी
अपने शुरुआती दिनों में मेरा पूरा ध्यान इस बात पर होता था कि मुझे सब कुछ सही से याद रहे, मैं सही शब्दों का इस्तेमाल करूँ। लेकिन बाद में मुझे समझ में आया यह जरूरी तो है लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण कई चीज़ें हैं, जो सफल प्रेजेंटेशन में बहुत बड़ा रोल निर्धारित करती हैं।
एक प्रोस्पेक्ट, प्रेजेंटर की प्रत्येक क्रिया और गुणवत्ता को देखता है। इसलिए एक नेटवर्क मार्केटर को खुद को प्रभावी ढंग से पेश
करने का तरीका सीखना चाहिए। आप खुद सोचिए कि यदि कोई आपको कुछ बताने आया है तो आप उसमे एक अच्छे स्पीकर
के रूप में क्या-क्या चीजें देखना चाहेंगे ? उसके व्यवहार में ? उसकी प्रेजेंटेशन में ? एक नेटवर्क मार्केटर निम्नलिखित चीज़ों में निपुण होना चाहिए : -
उसका ईमानदार होना जरूरी है।
वह फ्रेंडली और अनुकूल हो।
उसकी बातें दिलचस्प होनी चाहिए।
वह अच्छा श्रोता हो और उसका स्वभाव विनम्र होना चाहिए।
हर स्थिति में अपने आप को ढालने वाला होना चाहिए।
उसे अपनी कंपनी की प्रोफ़ाइल, प्रोडक्ट्स और प्लान के बारे में पूरा और ज़रूरी ज्ञान होना चाहिए।
एक नेटवर्क मार्केटर को निम्नलिखित चीज़ें नहीं करनी चाहिए और इनसे दूर रहना चाहिए : -
उसे अभिमानी / अशिष्ट नहीं होना चाहिए ।
वह उदास ना लगे, वरना कौन उसे सुनना चाहेगा ।
वो निंदापूर्ण ना रहे । सुपीरियर बनने का प्रयास ना करे ।
जल्दबाजी ना दिखाए, संयमित रहे ।
आक्रामक लोगों से ज्यादातर लोग जुड़ना पसंद नहीं करते इसलिए वह शालीनता से अपनी बात रखे।
बहुत रक्षात्मक ना हो, ऐसा करने पर वो किसी को प्रेरित नहीं कर पाएगा।
नकारात्मकता आपकी भविष्य की सम्भावना को खत्म कर देती है। नकारात्मक ना रहे।
आलसी न दिखे। उत्साह आपकी सबसे बड़ी ताकत है।
क्या आपके पास विटामिन सी॰ हैं ?
सबसे पहले, प्रोस्पेक्ट्स का ध्यान हमेशा आपकी पर्सनैलिटी पर होता है।
लोग पहले आपसे जुड़ते हैं फिर आपके प्रोडक्ट या प्लान और फिर आपकी कंपनी से । हमेशा बातचीत के दौरान, ‘SEE’ विधि याद रखें।
S (एस) - मुस्कुराहट (Smile)
E (ई) - नेत्र संपर्क (Eye Contact)
E (ई) - उत्साह (Excitement)
सफल कम्युनिकेशन के इंग्रीडिएंट्स
विशेषज्ञों के अनुसार, एक सफल कम्युनिकेशन नीचे लिखी गयी तीन चीजों पर निर्भर करता है: -
देहभाषा या नान वर्बल कम्यूनिकेशन (Body Language) सफल कम्युनिकेशन का 55% हिस्सा बॉडी लैंग्वेज पर निर्भर करता है।
आवाज़ का लहज़ा (tone of voice) - सफल कम्युनिकेशन का 37 % हिस्सा टोन ऑफ वॉइस पर निर्भर करता है।
शब्द (Words) - सफल कम्युनिकेशन का 7 % हिस्सा हमारे द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों पर निर्भर करता है।
आपको कई प्रकार के लोग मिलते हैं जो अलग तरीके से चीजों को समझते हैं, मुख्यतः तीन प्रकार हैं -
विजुअल (Visual)
ऑडिटरी (Auditory)
काइनेस्थेटिक (Kinesthetic)
प्रेज़ेंटेशन और सेलिंग प्रोसेस के गोल्डन स्टेप्स
O.D.P.E.C. एक बहुत महत्वपूर्ण प्रोसेस है और हर नेटवर्क मार्केटर को अधिकतम सफलता लेने के लिए इसके अनुसार प्रेजेंटेशन
देनी चाहिए ।
ओ (O) – सेल्स कॉल को शुरू करें । (Open a Sales Call )
डी (D) – उनकी ज़रूरत विकसित करें । (Develop the need)
पी (P) - उन्हें समाधान दें । (Propose a Solution)
ई (E)- उनके डाउट या शंकाओ को दूर करें । (Eliminating Doubts)
सी (C)- सेल्स क्लोज करें । (Close the Sales)
प्रेज़ेंटेशन के गोल्डन स्टेप्स का पहला स्टेप
ओ (O) – सेल्स कॉल को शुरू करना ।
(Open a Sales Call )
किसी भी अच्छी सेल्स कॉल के लिए हमारा प्रोस्पेक्ट के साथ अच्छा तालमेल बहुत ज़रूरी है । सीधे बिजनेस से शुरू ना करें , पहले 3-4 मिनट रैपो बनाने में लगाए ।
रैपो बनाने के लिए F.O.R.M एक बहुत कारगर टेकनीक है । F.O.R.M को कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं ? इसके बारे में आप डिटेल से इन्विटेशन मास्टरी में जान चुके हैं यहाँ पर हम इसे शॉर्ट में शेयर कर रहे हैं ।
- डी (D) – उनकी ज़रूरत डेवलप करें । (Develop the need) :—
प्रेज़ेंटेशन के गोल्डन स्टेप्स के दूसरे स्टेप में हमें प्रोस्पेक्ट की ज़रूरत को पहचानना होगा। एक अच्छी प्रेजेंटेशन का सूत्र है कि आपका प्रोस्पेक्ट क्या चाहता है ? उसको जानना और अपने प्रोस्पेक्ट को ये बताना कि वो आपकी ऑपर्चुनिटी से उसे कैसे पा सकता है ? आपको अपनी ग्रीड (लालच) पर नही प्रोस्पेक्ट की नीड (ज़रूरत) पर काम करना है ।
प्रेज़ेंटेशन के गोल्डन स्टेप्स का तीसरा स्टेप
- पी (P) - उनको समाधान दे (Propose a Solution)
आप प्रोस्पेक्ट के साथ रैपो (Rapport) बना चुके हैं और उनकी ज़रूरत भी पहचान चुके हैं । अब समय है, उनके साथ बिज़नेस ऑपर्चुनिटी शेयर करने का ।
बिज़नेस ऑपर्चुनिटी दिखाने का क्या मतलब है ?
बिज़नेस ऑपर्चुनिटी दिखाने का मतलब कुछ बेचना नहीं है।
इसका अर्थ है दूसरे व्यक्ति को उसके लक्ष्यों और सपनों को प्राप्त करने में मदद करना और उन्हें उनकी आशंकाओं के डर का समाधान देना ।
ई (E)- उनके डाउट/ शंकाओ को दूर करना। (Eliminating Doubts)
सी (C)- सेल्स क्लोज करें। (Close the Sales)
इन स्टेप्स को हम अगले अध्याय क्लोज़िंग मास्टरी में बहुत डिटेल से शेयर करेंगे ।
क्लोजिंग (Closing) के लिए समय बचाना
कई बार, प्रेजेंटेशन के बाद प्रोस्पेक्ट को क्लोज़ करने के लिए समय नहीं बच पाता है। बिज़नेस प्रेजेंटेशन करते समय ये ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है कि आपके पास प्रेजेंटेशन के बाद क्लोजिंग के लिए समय बच पाए। यानि अगर आपकी प्रेजेंटेशन तीस मिनट की होने वाली है तो क्या आप आठ मिनट क्लोज़िंग के लिए बचा सकते हैं ? आपको ये समय बचाना चाहिए। ये बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर हमारी प्रेजेंटेशन बहुत लम्बी हो जाएगी तो हो सकता है कि हमारे पास क्लोजिंग टाइम न बचे ।
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नमस्कार,
महावीर कैंतुरा
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